Afcons Infra Limited IPO: अफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर आईपीओ ने हाल ही में निवेशकों के बीच उनका ध्यान अपनी और आकर्षित किया है। यह आईपीओ 25 अक्टूबर से 29 अक्टूबर 2024 तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था, जिसमें निवेशकों ने अच्छी दिलचस्पी दिखाई और इसे कुल 2.63 गुना सब्सक्राइब किया गया। जिसकी वजह से कंपनी ने इस आईपीओ के माध्यम से 5430 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था, जिसमें इश्यू प्राइस 440 से 463 रुपये प्रति शेयर निर्धारित किया गया था। आपको बतादें की इस आईपीओ का उद्देश्य कंपनी को नई परियोजनाओं में विस्तार करने के लिए फंड जुटाना है, जिससे इसके संचालन और प्रोजेक्ट क्षमता में सुधार हो सके।
इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि Afcons Infra IPO की लिस्टिंग को लेकर एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं, इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) कैसा है, और इस IPO में निवेश करना फायदेमंद होगा या नहीं।
Afcons Infra IPO के सब्सक्रिप्शन डिटेल्स
Afcons Infra का आईपीओ 2.63 गुना सब्सक्राइब हुआ, जो इसे निवेशकों की तरफ से सकारात्मक प्रतिक्रिया दर्शाता है। अलग-अलग कैटेगरी में इसका सब्सक्रिप्शन कुछ इस प्रकार था:
- क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB): 3.5 गुना सब्सक्राइब हुआ।
- नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII): 2.1 गुना सब्सक्राइब हुआ।
- रिटेल इनवेस्टर्स: 1.9 गुना सब्सक्राइब हुआ।
यह सब्सक्रिप्शन डिटेल्स यह दर्शाती हैं कि संस्थागत निवेशकों ने इसमें काफी रुचि दिखाई, जिससे कंपनी को नए निवेशक मिलने का भरोसा हुआ है। हालांकि, सामान्य निवेशकों के लिए सब्सक्रिप्शन अपेक्षाकृत कम था, जिसका कारण हाल के समय में बाजार की अस्थिरता भी हो सकती है।
Afcons Infra IPO लिस्टिंग को लेकर एक्सपर्ट्स की राय
विशेषज्ञों की राय इस आईपीओ की लिस्टिंग को लेकर थोड़ी मिलीजुली है। कुछ विशेषज्ञ इसे लिस्टिंग के समय निराशाजनक मान रहे हैं, तो कुछ लंबी अवधि के लिए इसमें निवेश को उचित मानते हैं।
- प्रशांत तापसे (सीनियर वीपी रिसर्च एनालिस्ट, मेहता इक्विटीज लिमिटेड): तापसे के अनुसार, Afcons Infra IPO में शुरुआती लिस्टिंग पर कोई खास लाभ होने की संभावना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी की वित्तीय स्थिति स्थिर है और इसका प्रबंधन कुशल है, जो इसे भविष्य में अच्छी स्थिति में बनाए रख सकता है। उन्होंने बताया कि “यह लंबी अवधि के निवेशकों के लिए एक अच्छा मौका हो सकता है, लेकिन लिस्टिंग पर 5% तक का निगेटिव या फ्लैट प्रदर्शन संभव है।”
- सागर शेट्टी (रिसर्च एनालिस्ट, स्टॉक्सबॉक्स): शेट्टी का मानना है कि इस आईपीओ में निवेश करने वाले निवेशकों को मामूली मुनाफा हो सकता है, लेकिन मौजूदा बाजार में गिरावट के कारण ज्यादा लाभ की उम्मीद नहीं की जा सकती। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कंपनी के पास अच्छी ऑर्डर बुक और मजबूत परियोजनाएं हैं, जिससे इसकी स्थिति भविष्य में बेहतर हो सकती है।
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) का हाल
IPO के ग्रे मार्केट में GMP को लिस्टिंग से पहले के प्रदर्शन का अंदाजा लगाने के लिए देखा जाता है। इस IPO का GMP शुरुआत में काफी मजबूत था, लेकिन हाल के दिनों में इसमें गिरावट देखी गई है:
- 19 अक्टूबर को यह IPO 225 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा था, जिससे लिस्टिंग पर अच्छा मुनाफा मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी।
- 2 नवंबर को यह GMP घटकर मात्र 10 रुपये रह गया। इसका मतलब है कि लिस्टिंग के समय इसका प्राइस 473 रुपये के आसपास हो सकता है, जो इश्यू प्राइस से केवल 2.16% अधिक है।
यह गिरावट निवेशकों के लिए थोड़ी चिंताजनक हो सकती है, क्योंकि इसका मतलब है कि शुरुआती लाभ सीमित रहेगा। इसका एक मुख्य कारण बाजार की हालिया अस्थिरता और कमजोर निवेश धारणा है।
Afcons Infra Limited कंपनी का फाइनेंशियल परफॉर्मेंस
Afcons Infra एक प्रतिष्ठित इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है, जो भारत और विदेशों में कई बड़े और चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर काम कर चुकी है। कंपनी की वित्तीय स्थिति स्थिर रही है और यह कई सालों से अच्छे परिणाम दे रही है। कंपनी के पास एक स्वस्थ ऑर्डर बुक है, जिसमें कई यूनिक प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। इन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से कंपनी का राजस्व बढ़ाने की योजना है, जो निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
निष्कर्ष
अफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर आईपीओ ने शुरुआत में निवेशकों के बीच अच्छा आकर्षण बनाया, लेकिन लिस्टिंग से पहले इसके GMP में आई गिरावट निवेशकों को थोड़ा सतर्क कर रही है। एक्सपर्ट्स की राय में यह IPO लंबी अवधि के निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन शॉर्ट-टर्म निवेशकों के लिए इसमें सीमित लाभ की संभावना है।
निवेशकों को इस IPO में निवेश करने से पहले अपनी जोखिम क्षमता और निवेश उद्देश्य का मूल्यांकन करना चाहिए।