GST Collection: भारत की अर्थव्यवस्था में हाल ही में बड़ा बदलाव देखा गया जब अक्टूबर 2024 में वस्तु एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन ₹1.87 लाख करोड़ तक पहुंच गया। यह पिछले छह महीनों का सबसे ऊंचा स्तर है और लगातार आठवां महीना है जब GST संग्रह ₹1.7 लाख करोड़ से ऊपर बना हुआ है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर 2024 की तुलना में अक्टूबर में 8.1% की वृद्धि हुई है, जबकि पिछले साल अक्टूबर के ₹1.72 लाख करोड़ की तुलना में 8.9% की बढ़ोतरी देखी गई है। इस बढ़ोतरी को देखते हुए कहा जा सकता है कि GST संग्रह में यह स्थिरता देश की आर्थिक गतिविधियों में सुधार और मांग में वृद्धि का संकेत है।
इस आर्टिकल में हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि GST कलेक्शन में यह रिकॉर्ड बढ़ोतरी क्यों और कैसे हुई, इसके पीछे प्रमुख आर्थिक कारण क्या हैं, राज्यों के बीच GST संग्रह में किस तरह की भिन्नताएं देखी गईं, और इस कलेक्शन का भारत की आर्थिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा, हम जानेंगे कि इन आंकड़ों के आधार पर सरकार किन चुनौतियों और अवसरों का सामना कर रही है, और कैसे ये आंकड़े भविष्य की योजनाओं को प्रभावित कर सकते हैं।
GST कलेक्शन में बढ़ोतरी के प्रमुख कारण
- आर्थिक गतिविधियों में मजबूती: GST कलेक्शन में यह वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार का स्पष्ट संकेत है। कोविड महामारी के बाद से आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे बढ़ रही हैं, और इस दौरान देश में औद्योगिक उत्पादन में भी वृद्धि हुई है, जो GST राजस्व संग्रह में योगदान कर रहा है। बाजार में बढ़ती मांग और उपभोक्ता खर्च के कारण भी GST संग्रह में इजाफा हुआ है।
- त्योहारी सीजन का प्रभाव: अक्टूबर में कई बड़े त्योहार होते हैं, जैसे कि नवरात्रि और दिवाली, जिससे उपभोक्ताओं की खरीदारी में भारी उछाल आता है। इस दौरान कंपनियों की बिक्री बढ़ने से GST कलेक्शन में वृद्धि होती है, जिससे देश के राजस्व में सुधार देखा जाता है।
- कर अनुपालन में सुधार: सरकार द्वारा GST में पारदर्शिता लाने के लिए किए गए सुधार, जैसे ई-वे बिल सिस्टम, फर्जी बिलिंग पर सख्ती, और डिजिटलाइजेशन के कारण करदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके चलते कर अनुपालन बेहतर हुआ है, जिससे कलेक्शन में स्थिरता आ रही है।
राज्यों में GST कलेक्शन में भिन्नताएं
GST कलेक्शन के आंकड़े विभिन्न राज्यों के आर्थिक प्रदर्शन को भी दर्शाते हैं। लद्दाख में अक्टूबर 2024 के दौरान 30% की बढ़ोतरी हुई, जो सभी राज्यों में सबसे अधिक है। इसके बाद केरल में 20% और हरियाणा में 15% की वृद्धि दर्ज की गई। इसके विपरीत, अरुणाचल प्रदेश और ‘अन्य क्षेत्र’ श्रेणियों में क्रमशः 33% और 37% की गिरावट आई। इस भिन्नता का कारण यह है कि अलग-अलग राज्यों की आर्थिक गतिविधियां और उद्योगों पर निर्भरता में काफी फर्क है।
राज्य | वृद्धि प्रतिशत |
---|---|
लद्दाख | 30% |
केरल | 20% |
हरियाणा | 15% |
अरुणाचल प्रदेश | -33% |
अन्य क्षेत्र | -37% |
वार्षिक और मासिक तुलना में कलेक्शन की स्थिति
GST कलेक्शन की वृद्धि को समझने के लिए हम अप्रैल से अक्टूबर 2024 की तुलना पिछले वर्ष की समान अवधि से कर सकते हैं।
अवधि | कलेक्शन (₹ लाख करोड़ में) | वृद्धि प्रतिशत (पिछले वर्ष से) |
---|---|---|
अक्टूबर 2024 | 1.87 | 8.9% |
सितंबर 2024 | 1.72 | – |
अप्रैल-अक्टूबर 2024 | 12.74 | 9.4% |
इस तालिका के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 के पहले सात महीनों में कुल GST कलेक्शन ₹12.74 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है, जो पिछले साल की समान अवधि से 9.4% अधिक है। इसका मतलब है कि पिछले वर्ष की तुलना में अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है, और करदाताओं की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है।
GST कलेक्शन में चुनौतियाँ और उम्मीदें
हालांकि GST कलेक्शन में सुधार हुआ है, लेकिन इसे स्थिर बनाये रखना सरकार के लिए एक चुनौती है। दूसरी तिमाही में औसत मासिक GST कलेक्शन घटकर ₹1.77 लाख करोड़ पर आ गया, जो कि पहली तिमाही के ₹1.86 लाख करोड़ से कम है। इसका मतलब है कि कलेक्शन की गति में हल्की गिरावट देखी जा रही है, जो सरकार के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
हालांकि, त्योहारों के मौसम में बढ़ती मांग और उपभोक्ता खर्च को देखते हुए अनुमान है कि आगामी महीनों में GST संग्रह में और बढ़ोतरी हो सकती है।
निष्कर्ष
अक्टूबर 2024 में ₹1.87 लाख करोड़ का GST कलेक्शन भारतीय अर्थव्यवस्था के सुधार और स्थिरता का संकेत देता है। बढ़ता उपभोक्ता खर्च, आर्थिक गतिविधियों में मजबूती, और कर अनुपालन में सुधार ने GST संग्रह को उच्चतम स्तर तक पहुंचाया है। विभिन्न राज्यों में कलेक्शन के आंकड़ों में असमानता यह दिखाती है कि आर्थिक सुधार क्षेत्रीय तौर पर अलग-अलग हैं।
GST कलेक्शन में यह वृद्धि सरकार के लिए उम्मीद का संकेत है, लेकिन कलेक्शन की गति को बनाए रखने की चुनौती भी बनी हुई है। आगामी महीनों में यह देखना अहम होगा कि अर्थव्यवस्था की स्थिरता कितनी रहती है और कलेक्शन में किस प्रकार का बदलाव आता है।