UPI Transactions: भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली दिन-ब-दिन नए आयाम स्थापित कर रही है, और अक्टूबर 2024 का महीना यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ। इस महीने में UPI के जरिए 16.58 बिलियन ट्रांजैक्शन हुए, जिनकी कुल कीमत ₹23.5 ट्रिलियन रही। यह आंकड़ा अप्रैल 2016 में UPI की शुरुआत के बाद से अब तक का सबसे ऊंचा है। इससे पहले का रिकॉर्ड सितंबर 2024 में दर्ज किया गया था, जिसमें 15.04 बिलियन ट्रांजैक्शन और कुल मूल्य ₹20.64 ट्रिलियन था।
UPI की लोकप्रियता में इस वृद्धि का मुख्य कारण त्योहारी सीजन के दौरान बढ़ती खरीदारी और पर्सन-टू-मर्चेंट ट्रांजैक्शन (व्यक्तिगत से व्यापारी को भुगतान) में बढ़ोतरी है। UPI के माध्यम से लेनदेन करना न केवल तेज़ है बल्कि सुरक्षित और आसान भी है, जिसके कारण आम जनता में इसका उपयोग बढ़ता जा रहा है। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल भुगतान के प्रति सरकार की बढ़ती पहल और डिजिटल अवसंरचना में सुधार ने भी इस वृद्धि में योगदान दिया है।
UPI के साथ-साथ IMPS (इमीडिएट पेमेंट सर्विस), फास्टैग, और आधार सक्षम पेमेंट सिस्टम (AePS) जैसे अन्य डिजिटल पेमेंट्स प्लेटफॉर्म्स ने भी अक्टूबर में अच्छा प्रदर्शन किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय लोग नकद भुगतान की बजाय डिजिटल ट्रांजैक्शन को तेजी से अपना रहे हैं।
इस आर्टिकल में हम UPI और अन्य डिजिटल भुगतान साधनों में हुई इस बढ़ोतरी की विस्तृत जानकारी देंगे, इसके कारणों की पड़ताल करेंगे, और मासिक व वार्षिक आंकड़ों के तुलनात्मक विश्लेषण के जरिए इसकी प्रभावशीलता को समझेंगे। साथ ही, हम यह जानेंगे कि कैसे डिजिटल ट्रांजैक्शन में यह बढ़ोतरी भारत को कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में सहायक सिद्ध हो रही है।
UPI Transactions में वृद्धि के मुख्य कारण
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी आंकड़ों से स्पष्ट है कि UPI लेनदेन में इस तरह की वृद्धि त्योहारी सीजन और डिजिटल भुगतान में बढ़ती जनता की रुचि के कारण संभव हुई है। आइए विस्तार से जानते हैं इन प्रमुख कारणों को:
- त्योंहारी सीजन का प्रभाव:
अक्टूबर का महीना भारत में कई बड़े त्योहारों का समय होता है, जैसे कि दुर्गा पूजा, दशहरा और दिवाली। इस दौरान लोग भारी मात्रा में खरीदारी करते हैं और ऑनलाइन पेमेंट का उपयोग करते हैं। इन त्योहारों के दौरान UPI के पर्सन-टू-मर्चेंट ट्रांजैक्शन में वृद्धि हुई, जिससे UPI का उपयोग बढ़ा। - पर्सन-टू-मर्चेंट ट्रांजैक्शन में वृद्धि:
पर्सन-टू-मर्चेंट ट्रांजैक्शन का मतलब है ग्राहकों द्वारा सामान या सेवाओं के लिए डिजिटल पेमेंट का उपयोग करना। लोग अब छोटी-बड़ी हर खरीदारी के लिए UPI का उपयोग कर रहे हैं, चाहे वह किराने की दुकान हो या ऑनलाइन शॉपिंग। यह चलन व्यापारियों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रहा है, क्योंकि इससे उन्हें नकदी प्रबंधन में आसानी होती है। - UPI की बढ़ती स्वीकार्यता और सुविधाएं:
आज UPI लगभग हर व्यापारी और सेवा प्रदाता के द्वारा स्वीकार किया जाता है। किराने की दुकान से लेकर बड़ी मॉल्स तक, UPI का उपयोग सहज और तेज़ है। इससे आम लोगों के बीच इसका उपयोग बढ़ता जा रहा है। साथ ही, UPI के लिए सुरक्षित और सरल प्रक्रियाओं ने लोगों का विश्वास जीता है। - सरकार और बैंकों का सहयोग:
भारतीय सरकार डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दे रही है और इसके लिए बैंकों के साथ मिलकर नई पहल कर रही है। इससे आम लोग अधिक सुरक्षित और सहूलियत से डिजिटल लेनदेन कर सकते हैं। NPCI ने भी इसके अंतर्गत कई नई सुविधाएं लागू की हैं, जैसे UPI लाइट और UPI के माध्यम से क्रेडिट कार्ड से भुगतान।
मासिक और वार्षिक आधार पर तुलनात्मक आंकड़े
विवरण | सितंबर 2024 | अक्टूबर 2024 | अंतर (मासिक) | अंतर (वार्षिक) |
---|---|---|---|---|
UPI ट्रांजैक्शन | 15.04 बिलियन | 16.58 बिलियन | +10% | +45% |
कुल मूल्य | ₹20.64 ट्रिलियन | ₹23.5 ट्रिलियन | +14% | +37% |
प्रति दिन ट्रांजैक्शन | 501 मिलियन | 535 मिलियन | +7% | – |
सितंबर 2024 की तुलना में अक्टूबर में 10% अधिक ट्रांजैक्शन हुए और कुल मूल्य में 14% की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं, सालाना आधार पर यह वृद्धि 45% रही, जो दर्शाता है कि पिछले वर्ष की तुलना में UPI का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है।
अन्य डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स में वृद्धि
UPI के अलावा, IMPS, फास्टैग, और आधार सक्षम पेमेंट सिस्टम (AePS) जैसे अन्य डिजिटल पेमेंट साधनों ने भी अक्टूबर में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इनके विवरण नीचे दिए गए हैं:
- IMPS (Immediate Payment Service):
- अक्टूबर में IMPS के जरिए कुल 467 मिलियन ट्रांजैक्शन हुए, जो सितंबर से 9% अधिक है।
- कुल लेनदेन का मूल्य ₹6.29 ट्रिलियन रहा, जो सितंबर के ₹5.65 ट्रिलियन से 11% ज्यादा है।
- IMPS का उपयोग मुख्य रूप से तत्काल लेनदेन के लिए होता है, खासकर जब तत्काल बैंक ट्रांसफर की आवश्यकता होती है।
- फास्टैग:
- फास्टैग लेनदेन में भी अक्टूबर में 8% की वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें कुल 345 मिलियन ट्रांजैक्शन हुए।
- कुल मूल्य ₹6,115 करोड़ रहा, जो सितंबर के ₹5,620 करोड़ से अधिक है।
- फास्टैग मुख्यतः टोल भुगतान में इस्तेमाल होता है, जिससे ट्रैफिक में कम समय लगता है और वाहन धारकों को नकदी की जरूरत नहीं पड़ती।
- आधार सक्षम पेमेंट सिस्टम (AePS):
- अक्टूबर में AePS के माध्यम से कुल 126 मिलियन ट्रांजैक्शन हुए, जो सितंबर की तुलना में 26% ज्यादा हैं।
- कुल लेनदेन का मूल्य ₹32,493 करोड़ रहा, जो सितंबर के ₹24,143 करोड़ से 35% ज्यादा है।
- AePS के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में लोग अपने आधार कार्ड के माध्यम से बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
निष्कर्ष
अक्टूबर 2024 में UPI और अन्य डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स में भारी वृद्धि हुई। त्योहारी सीजन और पर्सन-टू-मर्चेंट ट्रांजैक्शन की बढ़ोतरी के कारण UPI ने नया रिकॉर्ड बनाया है, जो भारत के डिजिटल इकोसिस्टम के प्रति जनता का बढ़ता विश्वास दर्शाता है। IMPS, फास्टैग और AePS जैसे अन्य प्लेटफॉर्म्स ने भी अच्छी प्रगति की है। डिजिटल भुगतान की यह तेजी भारत को कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।